कब्ज एक पाचन सम्बन्धी समस्या है। जो लगभग सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। भोजन पचने के बाद जो अपशिष्ट (मल) बनता है, उसका सही से बाहर नहीं निकलना या प्रातः काल पेट का सही से साफ नहीं होना, मल का सूख कर गांठे पड़ जाना आदि ये सब कब्ज के लक्षण है। कब्ज होने पर अनेको प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके कारण मल त्यागने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, घण्टों टॉयलेट में बैठे रहना पड़ता है। अगर इसका ठीक समय पर इलाज न किया जाए तो यह कब्ज अनेको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। क्या आप भी कब्ज से परेशान हैं, और कब्ज का घरेलू और प्रभावी उपचार चाहते हैं? तो इस लेख में हम कब्ज को जड़ से खत्म करने के प्रभावी उपचार के बारे में जानेगे। आयुर्वेद में कब्ज की समस्या के लिए अनेको घरेलू उपाय (Kabj ke Gharelu Upay) बताए गए हैं। आप भी इन असरदार उपायों को अपनाकर आसानी से कब्ज रोग का घरेलू उपचार कर सकते हैं। इस लेख में हम कब्ज के कारण, लक्षण और कब्ज को जड़ से खत्म करने, कब्ज की आयुर्वेदिक दवा, कब्ज के नुकसान और कब्ज का परमानेंट इलाज के बारे में चर्चा करेंगे।
कब्ज क्या है? -लक्षण, कारण और घरेलू इलाज : (Constipation Meaning in Hindi)
कब्ज (Kabj)क्या है (Constipation Meaning in Hindi)
कब्ज (Kabj) एक सामान्य पाचन परिक्रिया से सम्बंधित समस्या है। जो लगभग सभी उम्र के लोगों को हो सकती है। इसे अनेको नमो से जाना जात है जैसे : मलबद्धत्ता, कोष्ठबध्त्ता, मलबन्ध आदि। भोजन के पचने के उपरांत जो अपशिष्ट (मल) हमरी आंतो में बनता है, उसका सही से बाहर नहीं निकलना पाना या प्रातः काल पेट का सही से साफ नहीं होना, मल का सूख कर गांठे पड़ जाना आदि ये सब कब्ज के सामान्य लक्षण है।
कब्ज (Kabj) के कारण (Causes of Constipation in Hindi)
सामान्य रूप कब्ज (Kabj) निम्नलिखित कारणों को मन गया है :-
- शारीरिक परिश्रम की कमी।
- अनियमित दिनचर्या का होना।
- हमेशा तनाव में रहना।
- भूख से अधिक भोजन करना।
- मल त्याग को रोककर रखना।
- मल का त्याग समय पर नहीं करना।
- अत्यधिक गरिष्ठ भोजन करना।
- खाने में फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड जयादा मात्रा में लेना।
- भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।
- रात को देर तक जागना।
- तरल पदार्थो का काम मात्रा में सेवन करना।
- भोजन में अधिक मिर्च और मसालेदार आहार लेना।
- लिवर या आंतो से जुड़ी कोई बीमारी का होना।
- थाइराइड की समस्या होना।
- कुछ दवाओं का साइडइफेक्ट।
- अत्यधिक मास मदिरा का सेवन करना।
- अधिक उपवास करना आदि।
कब्ज (Kabj) के लक्षण : Constipation Symptoms in Hindi
कब्ज होने के लक्षणो में सामान्तया निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है जैसे :-
- अम्लपित्त (Acidity)का बनना।
- पेट में गैस (Gass)का बनना।
- व्रण (Ulcer)होना।
- पेट-दर्द का होना।
- कमर-दर्द का होना।
- सर में भरी पन या सर-दर्द होना।
- रात को सही से नींद नहीं आना।
- आलश्य छाया रहना।
- काम में मन नहीं लगना ।
- तरह -तरह के चरम-रोग होना।
- गठिया (Arthritis) हो होना।
- कटिस्नायुशूल (Sciatica)होना।
- भूख न लगना या कम लगना।
- रक्त विकार होना।
- बवासीर (Piles), भगन्दर या फ़िशर का होना।
- आंत्रशोथ (Enteritis) होना।
- आंत्रज्वर (Typhoid) का होना।
अगर कब्ज लम्बे समय तक रहता है तथा का इलाज सही समय पर नहीं किया जाये तो यह कई अन्य घातक रोगो का कारण बन सकता है।
कब्ज से होने वाली समस्याएं : (Complications of Constipation in Hindi)
कब्ज के कारण आपको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे :-
- भूख न लगना।
- पेट में गैस बनने के कारण छाती में जलन होना।
- सिर में भारीपन रहना।
- पेट फूलना या पेट में भारीपन महसूस करना।
- चकर आना और उल्टी होना।
- काम में मन नहीं लगना।
- आंतों में जख्म या अल्सर होकर सूजन होना
- बवासीर, भगंदर रोग होना।
- कब्ज के कारण मुँह में छाले होना भी एक आम समस्या है।
- मलद्वार से बदबूदार गैस पास होना आदि।
अगर आप कब्ज और कब्ज से होने वाली परेशनियो से बचना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में बदलाव करना और शारीरिक परिश्रम को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
कब्ज का जड़ से इलाज : Root Cure for Constipation
कब्ज को जड़ से ख़तम करने के लिए और कब्ज के इलाज (Kabj ka ilaj) में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका आपके जीवनशैली की होती है। अगर आप अपनी जीवनशैली में उचित बदलाव लाएं तो आसानी से कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं। आइये जानते हैं कि आपको अपनी जीवनशैली में कोनसे बदलाव करने चहिये :-
१. दिनचर्या का निर्धारण :
कब्ज से परेशान व्यक्ति को सबसे पहले दिनचर्या को बदलना चाहिए सुबह सूर्योदय से पहले उठना चहिये। और शौच आदि से निवृत होने के बाद हल्का व्यायाम और योग आदि करना चाहिए तथा शारीरिक परिश्रम को बढ़ाना चाहिए। रात को देर तक नहीं जागना चाहिए। तथा तनावमुक्त जीवन जीने की कोशिश करें।
२. खान-पान :
कब्ज से ग्रसित व्यक्ति को अपने खान-पान में सुधारना करना चाहिए, भोजन साधारण होना चाहिए, प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे :-बर्गर, चाउमीन, पिज्जा , छोले-भटूरे समोसा-कचोरी आदि पचने में भारी भोजन नहीं खाना चाहिए। अधिक तला हुआ भोजन भी नहीं लेना चाहिए। समय पर भोजन करें, तथा पहले किए हुए भोजन के पचने पर ही दूसरी बार भोजन करें। भोजन में हरी हपत्तेदार सब्जियों और सलाद को शामिल करे। सुबह व साय के भोजन का समय निर्धारित करे सुबह लगभग ९ से १० बजे तक व साय को सूर्यास्त से पहले भोजन अवश्य कर ले । भोजन को अच्छी तरह से चबा -चबा कर खाना चाहिए, भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। इससे जठराग्नि मंद पड़ जाती है। यदि कुछ लेना चाहे तो मठ्ठा , फलो का जूस आदि सकते हैं।
३ . शारीरिक परिश्रम यानि कसरत :
व्यायाम और करसरत से आंतो की गति बढ़ती है आंते मजबूत होती है जिससे भोजन सही से पच जाता है और पचे हुऐ भोजन से सभी जरुरी तत्व सही से सोख लिए जाते है। मल आसानी से आगे सरकता है। जिससे इसे शोच के समय आसानी से बहार निकाल सकते है। कसरत करने से शरीर में स्फूर्ति आती है।
४. योगासन से करें कब्ज का इलाज : Yoga for Constipation
योग और शारीरिक परिश्रम की सहायता से आप पुरानी से पुराणी कब्ज का सफलता से इलाज कर सकते हैं। कब्ज में लाभ पहुंचाने वाले कुछ योगासन ये हैंः-
- पवन मुक्तासन
- वज्रासन
- हलासन
- अर्धमत्स्येन्द्रासन
- मयूरासन
- बालासन
- सुप्तमत्स्येन्द्रासन
- मर्कटासन
- ताड़ासन
- नौकासन आदि।
कब्ज के घरेलू इलाज व उपाय : Home Remedies for Constipation in Hindi
कब्ज को समाप्त करने के लिए यहां पर कुछ घरेलु उपाय दिए गए है जिनसे आप कब्ज को आसानी से घर पर ही ठीक कर सकते है दोस्तों ये नुस्खे अनुभूत है, इन्हे आपनी रोग और शरीर की प्रकृति के अनुसार प्रयोग करे। ये उपाय आपको इस कब्ज जैसे भयानक रोग से मुक्ति पाने में सहायक सिद्ध होंगे।
१ . इसबगोल का छिलका (Psyllium Husk) :
२. अरंडी का तेल : (Castor oil)
(Castor Oil): अरंडी का तेल भी कब्ज़ के लिए एक उत्तम औषधि है इसको भी रात को सोते समय दो से तीन चम्मच गुनगुने दूध के साथ ले सकते है , इसका भी शरीर पर कोई साइडइफेक्ट नहीं होते है ा३ . सोनाय पत्ति :
सोनय पत्ति एक उत्तम औषधि है सोनय पत्ति को रात को सोते समय एक से डेढ़ चम्मच गुनगुने दूध के साथ ले सकते है , परन्तु यह एक तीव्र विरेचक औषद्यि है इसलिए इसको बार बार लेने से बचना चाहिए । एक या दो बार से अधिक न लेने की सलाह दूंगा ।
४ . त्रिफला चूर्ण :
त्रिफला चूर्ण के बारे में लगभग हर कोई जनता है यह आयुर्वेद का एक उत्तम वरदान है इसका सेवन १० वर्ष से लेकर ९० वर्ष तक का व्यक्ति आराम से कर सकता है इसका सेवन साय के भोजन के लगभग १ घंटे बाद या सोते समय १ से २ चम्मच गुनगुने दूध के साथ कर सकते है।
५. मुनक्का :
10 -15 मुनक्का सुबह पानी में भिगो दे और रत को खूब चबा चबा कर खाये और ऊपर से मीठा गुनगुना दूध पिए।
गाय का शुद देशी घी को रात को सोते समय एक गिलास दूध में 1 चम्मच गाय का शुद्ध देसी घी मिला कर सेवन करने से आंतो को पोषण मिलता है जिससे आंतो को Moment Improve होती है और हल्की कब्ज में आराम मिलता है।
७. गुलकंद :
गुलकंद को रात को सोते समय एक गिलास दूध में 1 से 2 चम्मच गुलकंद का सेवन करने से कब्ज में आराम मिलता है।
अमलतास फल के गूदे को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पुरानी कब्ज में आराम मिलता है।
एलोवेरा का गूदा भी कब्ज रोग को ठीक करने सहायक होता है ऐलोवेरा के गूदे की सब्जी बनाई जा सकती है।
कब्ज में परहेज : Avoid in Constipation
- मैदे से बनी चीजों को बिल्कुल ना खाएं।
- कब्ज के रोगी को दूध तथा पनीर का अधिक सेवन नहीं करना चाहिये।
- अधिक मिर्च-मसालेदार वाले भोजन से दूर रहें।
- कब्ज रोग ग्रसित व्यक्ति को मुख्य रूप गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए और वात को शान्त करने वाले आहार का सेवन करना चाहिये। उष्ण गुण वाले और अच्छे प्रकार से ताजा पके हुए भोजन को ग्रहण करना चाहिये।
दोस्तों तो ये थे कुछ अनुभूत नुस्खे। जो की आपको कब्ज से रहत दिलाने में मदद करेंगे आप इन्हे अपने रोग और शरीर की प्रकृति के अनुसार अपना सकते है। रोग की अधिकता होने पर या इन उपायों से सराहत नहीं मिलने पर आप अपने वैद्य या डॉक्टर से परामर्श करे।
आशा करता हू कि ये उपाय अपनाकर अपने आप को इस कब्ज नमक भयानक रोग से मुक्ति कर पाएंगे। और फिर से आपके जीवन में खुशियाँ से भर जायेगा। ये जानकारी आपको कैसी या आपके पास इससे जुड़ा कोई अनुभूत नुस्खा हो तो आप जरूर साँझा करे। कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर करे।
धन्यवाद।
आपका दिन शुभ हो।
Nice
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