इस लेख में हम जानेगे पायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय के बारे में जिसे Periodontitis (Gum Disease) भी कहते हैं, यह मसूड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो दांतों के चारों ओर के मसूड़ों , ऊतकों और हड्डियों को प्रभावित करती है। इसका कारण दांतों में प्लाक, बैक्टीरिया और टार्टर का इकट्ठा होना होता है जो मसूड़ों को खराब करते हैं और सूजन का कारण बनते हैं। जब यह बीमारी बढ़ती है तो यह दांतों को जोड़ने वाली हड्डियों और ऊतकों को नष्ट कर सकती है, जिससे दांत दर्द करने लगते हैं और अंततः दाँत टूटने लगते है । पायरिया के लक्षण में मसूड़ों से खून बहना, बदबू, मसूड़े में छिद्र, और पस निकलना शामिल हैं। इस बीमारी को रोकने के लिए मुंह की नियमित सफाई अत्यंत आवश्यक होती है।
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पायरिया (Pyorrhea ) के प्रमुख कारण, लक्षण और घरेलु उपचार।
पायरिया होने का कारण :
पायरिया (Pyorrhea) या Periodontitis (Gum Disease) होने के पीछे कई कारण हो सकते है। यहाँ हम पायरिया होने के 10 संभावित कारणों के बारे में बता रहे है:
- नियमित सफाई : मुँह की नियमित रूप सफाई, ब्रश और फ्लॉस न करने से दांतों और मसूड़ों पर प्लाक और टार्टर का निर्माण हो सकता है जो पायरिया का कारण बन सकता है।
- धूम्रपान: तम्बाकू का उपयोग मसूड़ों में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है, जिससे वे संक्रमण और बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। जो पायरिया होने का कारण बन सकता है।
- मधुमेह: रक्त में अनियंत्रित शर्करा का स्तर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। जो विभिन्न प्रकार के गंभीर रोगो के साथ-साथ मसूड़ों में संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- हार्मोनल परिवर्तन: महिलाओ में यौवनावस्था, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोन के स्तर में परिवर्तन से मसूड़े रोग के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
- आनुवंशिक कारण : कुछ लोगों में पायरिया (Pyorrhea) होने के पीछे आनुवंशिक कारण हो सकते है यानि उनके माता-पिता या परिवार से कोई व्यक्ति पायरिया रोग से पीड़ित रहे हो सकते है।
- खराब पोषण: भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। जिसके कारण पायरिया होने का खतरा बढ़ सकता है।
- एलोपेथिक दवाएं: कुछ प्रकार की एलोपेथी दवाओं के सेवन से मुंह सूखने की समस्या हो सकती है जिससे मुँह में बैक्टीरिया और प्लाक में वृद्धि हो सकती है। जो पायरिया होने का कारण बन सकता है।
- आयु बढ़ना: जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे पायरिया जैसे संक्रमण और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होने का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव: तनाव का उच्च स्तर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है।
- अन्य स्वास्थ्य स्थितियां: कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे एचआईवी/एड्स और कैंसर, पायरिया के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
पायरिया के लक्षण : (Symptoms of Pyorrhea )
पायरिया रोग के प्रमुख लक्षणों में से निम्नलिखित लक्षण होते है
- मसूड़ों से रक्त का निकलना,
- दाँत ढीले होना और दर्द होना
- दांतो की जड़े निकल जाती है
- मुख असहनीय दुर्गन्ध आती है
- दांतो को सेंसिविटी होती है
- ठण्डा-गरम लगता है
- अमलता के कारण दांत पीले हो जाते है
- अधिक दिनों तक इसका उपचार नहीं करने से दाँत ढीले होकर टूटने लगते है।
पायरिया के घरेलु उपचार: Home Remedies of Pyorrhea
यहाँ पर हम पायरिया से बचने और पायरिया को ठीक करने के घरेलु उपचारो के बारे में बता रहे है आइये जानते है :
1 . दांतों की नियमित सफाई :
इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को अपने दांतो की नियमित देखभाल करना बेहद जरुरी है , भोजन के उपरांत नीम या बबूल की दांतुन या मंजन से दांतो सफाई करनी चाहिए। ब्रश का उपयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
2 . फिटकरी का प्रयोग :
फिटकरी पायरिया(Pyorrhea) को ठीक करने में बहुत ही उपयोगी है इसमें एन्टीबैक्टिरीअल गुण होते है फिटकरी को तवे पर भून ले व उसका पॉउडर बना कर रख ले सुबह व श्याम खाना खाने के बाद में स पाउडर को उंगली की सहायता से दांतो पर 10 मिनट तक मसाज करे तथा बाद में कुल्ला कर ले इससे दांतो की सारी गन्दगी निकल जाएगी तथा दांतो से रक्त नहीं निकलेग।
नमक हल्दी व सरसो के तेल को बराबर मात्रा में ले कर पेस्ट बना ले इस पेस्ट को उंगली की सहायता से दांतो व मसूड़ों पर मालिश करे इससे मसूड़े स्वस्थ होंगे तथा मुख से दुर्गन्ध नहीं आएगी
नीम की पत्तियाँ लेकर सूखा ले तथा तवे पर सेक कर पॉउडर बना ले इस नीम पॉउडर को दांतो पर लगने से मुख की दुर्गन्ध से मुक्ति मिलती है।
अमरुद में पायरिया को रोकने की अद्भुत क्षमता होती है, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक फल है अमरूद मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है।इसमें विटामिन "सी' अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन "ए' तथा "बी' भी पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना तथा फास्फोरस अच्छी मात्रा में होते हैं। अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों का कीड़ा मर जाता है और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भी ये कई अन्य औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है।
हा दोस्तों इसको (पुठ-काँटा) या चिरचिटा के नाम से भी जाना जाता है यह खेत खलिहानों मे आसानी से मिल जाता है, अपामार्ग मे पायरिया रोग को ठीक कारने की बहुत ही अदभुद क्षमता होती है, पायरिया अधिक हो जाने पर आप इसकी दांतुन कर सकते है लाभ होगा ।इसके आलावा कब्ज ना होने दे। कब्ज को सब रोगो की जन्म दाता कहा गया है इसके लिए आप रात को सोते समय त्रिफला चूर्ण ले सकते है, दांतो की साफ-सफाई प्रितदिन नियमित रूप से करते रहे। इन उपायों से आपको पायरिया की रोकथाम करने में मदद मिलेगी। यदि समस्या ज्यादा लगे तो किसी योग्य डेन्टिस्ट को अवश्य चेकअप करवाए तथा उचित उपचार ले।
इस लेख में हमने (Pyorrhea) पायरिया (दांत रोग) के प्रमुख कारण और घरेलु उपचार के बारे में जाना इससे सम्बंधित कोई सवाल या कोई सुझाव आपके पास हो तो कमेंट बॉक्स में अपने फीडबैक अवश्य देवे।
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