Weight Gain Diet Chart in Hindi | जानिए जल्दी वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए।


नमस्ते दोस्तो ! आज हम आपके साथ Weight Gain Diet Chart in Hindi के बारे में बात करेंगे। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि Weight Gain करने के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थ जरूरी हैं और आप कैसे अपना Weight Gain Diet Chart बना सकते हैं। हम आपको एक Weight Gain Diet Chart in Hindi भी देंगे जिसे आप फॉलो कर सकते हैं।

तो चलिये, शुरू करते हैं।




आज कल बहुत से लोग वेट लॉस के बारे में बात करते हैं, लेकिन Weight Gain के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। वजन बढाना Weight Gain भी एक महत्वपूर्ण विषय है जो उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है जिनका वजन कम है और जो अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं।


लेकिन वजन बढ़ाने के लिए आपको सही भोजन करना जरूरी है। आपको हाई कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाना चाहिए जिससे आपके शरीर को जरूरत की एनर्जी मिल सके। आपको प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और हेल्दी फैट्स की सही मात्रा लेनी चाहिए।


जानिए वजन बढ़ाने में सहायक कारक : Factors Contributing to Weight Gain

सबसे पहले हम बात करते हैं कि वजन बढ़ाने मे कौन से कारक प्रभावित करते हैं। नीचे दिए गए फैक्टर्स Weight Gain करने के लिए बहुत जरूरी हैं:-


कैलोरी Calories:

वजन बढ़ाने के लिए कैलोरी (Calories) सबसे पहला और मुख्य कारक है। आपको अपने दैनिक कैलोरी आवश्यकता के हिसाब से खाना खाना चाहिए। अगर आप अपना वेट गेन (Weight Gain) करना चाहते हैं तो आपको अपनी डेली डाइट में कैलोरी इनटेक को बढ़ाना होगा। कैलोरी (Calories) आपके शरीर के लिए ईंधन का काम करता है। लेकिन अतिरिक्त कैलोरी लेना आपके शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए आपको अपने डेली कैलोरी इनटेक को ध्यान से मॉनिटर करना चाहिए।


प्रोटीन Protein:

वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन (Protein) दूसरा मुख्या कारक है। अगर आप मसल बिल्डिंग करना चाहते हैं तो प्रोटीन आपके शरीर के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स (Building Blocks) का काम करते है। आपको अपनी डेली डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए। आपको अपना बॉडी वेट (Body Weight) के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए। इसके अलावा प्रोटीन आपके शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत भी है।


कार्बोहाइड्रेट Carbohydrates:

वजन बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट Carbohydrates तीसरा मुख्या कारक है। कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत होते हैं। आपको अपनी डेली डाइट में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। लेकिन हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स ( High Glycemic Index) वाले कार्बोहाइड्रेट से दूर रहें क्योंकि ये आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।


स्वस्थ वसा Healthy Fats:

वजन बढ़ाने के लिए स्वस्थ वसा (Healthy Fats) चौथा मुख्य करक है। हेल्दी फैट्स आपके शरीर के लिए एनर्जी का सोर्स होते हैं और आपके हार्मोन्स को बैलेंस रखने में भी मदद करते हैं। आपको अपना डेली डाइट में पर्याप्त मात्रा में हेल्दी फैट्स लेना चाहिए जैसे कि देशी घी, ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, एवोकाडो और नट्स आदि।


कसरत और व्यायाम Exercise:

वजन बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए एक्सरसाइज (Exercise) भी बहुत जरूरी है अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। आपको मसल बिल्डिंग एक्सरसाइज करना चाहिए जैसे कि वेट लिफ्टिंग, पुश अप्स और पुल अप्स। इसके अलावा कार्डियो एक्सरसाइज भी करना जरूरी है जिससे आपकी बॉडी का एक्स्ट्रा फैट बर्न हो सके।


जानिए जल्दी वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए: Weight Gain Diet Chart In Hindi

अब हम आपको एक वजन बढ़ाने Weight Gain Diet Chart बताने जा रहे है जिसे फॉलो कर आप आसानी से Weight Gain कर सकते हैं। लेकिन याद रहे कि हर व्यक्ति में कैलोरी की आवश्यकता उम्र और हाइट के हिसाब से अलग-अलग होती है, आपको इस डाइट चार्ट को अपने दैनिक कैलोरी की आवश्यकता के हिसाब से अनुकूलित करना होगा।


Weight Gain Diet Chart in Hindi


वजन बढ़ने के लिए Weight Gain Diet Chart इस प्रकार है :-

नाश्ता से पहले : Before Breakfast
6 :00 AM to 7 :00 AM
  • एक गिलास फुल क्रीम मीठा दूध या चाय या
  • एक गिलास मिल्क बादाम


नाश्ता : Breakfast
8 :00 AM to 09 :00 AM
  • पनीर और सब्जियों के साथ 2-3 अंडे का आमलेट
  • मल्टी ग्रेन ब्रेड के 2-3 स्लाइस
  • 1 गिलास दूध
  • 1 केला


मिड-मॉर्निंग स्नैक : Mid-Morning Snacks
11 :00 AM to 12 :00 PM
  • दूध, दही, छाछ, या मठा
  • केला, जामुन और आम जैसे फलों से बनी 1 कप फ्रूट स्मूदी
  • 1 मुट्ठी मेवे (बादाम, अखरोट, काजू, किसमिस )


लंच : Lunch
1 :00 PM to 02 :00 PM
  • 2 कप ब्राउन राइस
  • 1-2 कप मिश्रित सब्जियां जैसे ब्रोकोली, शिमला मिर्च, और गाजर अदि
  • 200-250 Gm ग्रिल्ड चिकन ब्रेस्ट या मछली
  • 1 मध्यम आकार का सेब


दोपहर का नाश्ता : Afternoon Snack
04 :00 PM to 05 :00 PM
  • 1 गिलास दूध या 1 प्रोटीन बार या फ्रूट जूस
  • पीनट बटर के साथ मल्टी ग्रेन ब्रेड के 1-2 स्लाइस


रात का खाना : Dinner
08 :00 PM to 09 :00 PM
  • 2-3 घी या माखन लगी चपाती।
  • 1-2 कप मिली-जुली सब्जियां जैसे पालक, करेला और टमाटर।
  • 200-250 Gm ग्रिल्ड चिकन ब्रेस्ट या मछली, पनीर की सब्जी। 
  • 1 गिलास दूध। 

बेडटाइम स्नैक
09 :00 PM to 10 :00 PM
  • मिक्स फ्रूट चाट
  • 1 मुट्ठी मेवे (काजू, बादाम, किसमिस, अखरोट या मूंगफली के दाने )
  • 1 गिलास दूध




वजन बढ़ाने के लिए जरुरी टिप्स : Weight Gain Diet Tips

वजन बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स हैं जो आपको फॉलो करना चाहिए:




Weight Gain Diet Chart in Hindi


  • अपनी डेली कैलोरी इनटेक को बढ़ाएं।
  • पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और स्वस्थ वसा लेना जरूरी है।
  • प्रोसेस्ड फूड, जंक फ़ूड से दूर रहें क्योंकि ये आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए।
  • एक्सरसाइज को अपनी डेली रूटीन में शामिल करें।
  • आपको पर्याप्त आराम और नींद लेना चाहिए।
  • तनाव से दूर रहें क्योंकि ये आपके शरीर के लिए हानिकारक है।



वजन बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटी- Herbs For Weight Gain in Hindi

वजन बढ़ाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां होती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:-


अश्वगंधा (Ashwagandha):

अश्वगंधा एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो वजन बढ़ाने में मदद करती है। इसका सेवन शरीर में प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ाने में मदद करता है जो वजन बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है।

शतावरी (Shatavari):

शतावरी भी अस्वगंधा की तरह जड़ी-बूटी है जो वजन बढ़ाने में मदद करती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

आवला (Amla):

आवला एक ऐसा फल है जो लगभग हर जगह विभिन रूपों में प्रयोग किया जाता है आयुर्वेद में आवला को रसायन कहा गया है। यह शरीर को पोषण प्रदान करता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है। इसमें विटामिन सी, फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण मिनरल होते हैं जो शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं।

सफ़ेद मुसली (Safed Musli):

सफ़ेद मुसली भी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो वजन बढ़ाने के साथ-साथ हडियो को मजबूती प्रदान करती है और साथ ही फर्टिलिटी पावर को बूस्ट करने में मदद कर सकती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।

कौंच बीज (Kaunch Beej):

कौंच बीज भी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो वजन बढ़ाने में मदद करती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।


नोट :- आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन आयुर्वेदज्ञ या डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए क्योंकि इनका प्रयोग आयु ,बल और शारीरिक प्रकृति के हिसाब से किया जाता है अन्यथा ये लाभ के स्थान पर हानि कर सकती है।





जानिए वजन कम होने के कारण : Reasons for Being Underweight in Hindi

कुछ ऐसे कारण भी हो सकते है जो वजन बढ़ाने में बाधा उत्पन्न करते है। ये कारण कौन-कौन से हो सकते है आइये जानते है।


1. कमजोर पाचन तंत्र (Weak Digestion) :

जैसा कि हम सभी जानते है कि जब हमारा पाचन तंत्र ही कमजोर होगा तो जो कुछ भी हम खाएगे उसका सही तरीके से पाचन नहीं होगा जिससे हमारे शरीर को जिन पोषक तत्वों आवश्यक्ता होगी उनकी पूर्ती नहीं होगी जिससे हमारा शरीर कमजोर हो जायेगा। भूख़ कम लगने से भी सही मात्रा में भोजन नहीं ले पाते है और शरीर कमजोर हो जाता है।


2. कब्ज (Kabj Constipation):

कब्ज के कारण मल आंतो में पड़ा-पड़ा सड़ता रहता है जिससे व्यक्ति का पाचन तंत्र ख़राब हो जाता है, पेट सही से साफ़ नहीं होने के कारण मल आंतो में चिपका रहता है जिससे दिनभर उसका दिमाग पेट में ही अटका रहता है। अगर लम्बे समय तक कब्ज रहती है तो कब्ज के कारण शरीर में अनेको अन्य रोग पैदा होने की सम्भावना रहती है। अगर आप भी कब्ज रोग से परेशान है तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।

और पढ़े : कब्ज क्या है। ? कब्ज के कारण, लक्षण, और घरेलू उपचार।


3. गैस व एसिडिटी:

जिन लोगो को कब्ज रहती है उनको गैस व एसिडिटी की समस्या भी हो जाती है। जिससे खाया गया भोजन ठीक से नहीं पचने के कारण पित्त बढ़ने लगता है, जिससे खाया-पिया सही से डाइजेस्ट नहीं होता है और भूख को समाप्त कर देता है।



4. मानसिक तनाव (Stress):

मानसिक तनाव भी हमारे पाचन तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है, तनाव के कारण हमारे शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे शरीर के भीतरी अंगो में सूजन हो सकती है जिसके कारण भोजन का पाचन सही प्रकार से नहीं हो पाता फलस्वरूप भूख भी नहीं लगती है। तनाव का लम्बे समय तक रहने से अनेको पाचन संबंध समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे कि एसिड रिफ्लक्स, गैस, सूजन, कब्ज, और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम ( IBS)।



5. शारीरिक परिश्रम की कमी (Lack of Physical Activity):

शारीरक परिश्रम कम करने या ना करने के कारण आपका मेटाबोलिज्म कमजोर पड़ जाता है जो अनेको शारीरक समस्याओ का कारण बनता है। शारीरक परिश्रम की कमी के कारण भूख भी कम लगती है। भोजन का पाचन ठीक से नहीं होता है।


6. आनुवंशिक प्रभाव (Genetic Effects):

वजन का ना बढ़ना या शारीरिक रूप से कमजोर होना अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति के परिवार में उनके परिजनों का वजन कम रहा है, तो ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि उस व्यक्ति को भी इस समस्या का सामना करना पद सकता है।


7. हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism):

इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढाती है। इससे व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस करता है। हाइपरथायरायडिज्म होने की वजह से व्यक्ति का वजन घटने लगता है और घबराहट, चक्कर आना, हृदय की धड़कन का तेज से बढ़ाना जैसी समस्याओ का कारण बन सकती है।।


8. आंतों के रोग (Intestinal Diseases):

अगर व्यक्ति को आंतो की बीमारी है, जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज या सीलिएक डिजीज, तो ये पोषक तत्वों का अच्छी तरह से शोषण नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण वजन घटने लगता है और साथ ही दस्त, सुजन और पेट दर्द जैसी समस्या भी होती है।


9. लिवर की बीमारी (Liver Disease):

अगर व्यक्ति को लिवर से सम्बंधित बीमारी है, जैसे सिरोसिस, हेपेटाइटिस, फैटी लिवर डिजीज, लिवर कैंसर आदि। ये बीमारिया खाने को अच्छी तरह से पचने और पोषक तत्व को शोषण करने की क्षमता को प्रभावित करती है। जिससे वजन घटने लगता है।


10. टीबी की बीमारी (T.B. Disease) :

टी.बी संक्रमण होने पर भी वजन तेजी से कम होता है। साथ ही खांसी, अधिक थकावट व रात को पसीना आना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर टीबी के कारण किसी का वजन लगातार कम हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए। डॉक्टर उसी के अनुसार उसका इलाज करेंगे।


11. दवाइयां (Medicines):

कुछ एंटीबायोटिक दवाइयों के कारण भूख कम लगने की समस्या हो सकती है। भूख कम लगने पर व्यक्ति ठीक से भोजन नहीं कर पाता है, जिससे शरीर को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते है। जिसके कारण शरीर कमजोर और वजन कम हो सकता है। इसलिए किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इसके बारे में जरूर पूछ लें।




वजन कम होने से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएं : Health Problems Caused By Being Underweight in Hindi



1. प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) : जो लोग कम वजन के और कमजोर शरीर के है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, कमजोर प्रितरोधक क्षमता के कारण व्यक्ति को अनेको समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है, अचानक मौसम में थोड़ा-बहुत बदलाव भी व्यक्ति को रोगो के चपेट में ला सकता है। कमजोर प्रितिरोधक क्षमता के कारण व्यक्ति को गंभीर रोगो के होने की सम्भावना अधिक रहती है।


2. एनीमिया (Anemia) : भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण रक्त में आयरन की कमी से एनीमिया(खून की कमी) हो सकता है। जिसके कारण व्यक्ति के शरीर में कमजोरी, थकावट, काम में मन ना लगना, लो ब्लड प्रेसर, चक्कर आना आदि लक्षण हो सकते है। समय पर उपचार ना किया जाये तो स्थिति गंभीर हो सकती है।


3. प्रजनन सम्बंधी समस्या (Reproductive Power): पुरुषों और महिलाओं में कमजोर शरीर और कम वजन का असर उनकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ सकता है। जिससे महिलाओं में मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। तथा गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है। गर्भधारण होने पर गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। कमजोर शरीर और कम वजन के कारण पुरुषों को यौन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता में कमी हो सकती है व Erectile dysfunction जैसी समस्या हो सकती है।


4. हड्डियां कमजोर होने की समस्या (Weak Bones Problem): शारीरक दुर्बलता और कम वजन के कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी होने की सम्भावना रहती है। जिससे महिलाओं व पुरुषों दोनों को अनेको प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है। यहाँ बीमारी भोजन में विटामिन-डी व कैल्शियम में कमी और हार्मोन में बदलाव के कारण होती है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें हडियो के टूटने का अंदेशा कई गुना बढ़ जाता है।




Conclusion:
शारीरक रूप से दुबले-पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाना कोई मुश्किल भरा काम नहीं है। जरूरत है तो बस अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने के लिए धैर्य रखने की। आप संतुलित व पौष्टिक भोजन का सेवन करें और अपने डॉक्टर की सलाह पर जरूरी सप्लीमेंट्स लेते रहें। इससे न सिर्फ आपका वजन बढ़ेगा, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम भी जरूर करें।




FAQ

Q.1: दुबले पतले शरीर को मोटा कैसे करें?

Ans: अगर व्यक्ति को कोई शारीरिक समस्या नहीं है तो अपनी आयु के अनुसार उचित Weight Gain Diet को अपनाकर दुबले पतले शरीर को मोटा किया जा सकता है।
 

Q.2: शरीर का वजन कम क्यों होता है?

Ans: शरीर का वजन कम होने के अनेको कारण हो सकते है जिनमे मुख्य कारण पाचन का कमजोर होना, भोजन में पोषण तत्वों का आभाव, कोई गंभीर शारीरिक बीमारी का होना हो सकता है।
 

Q.3: सबसे जल्दी वजन क्या खाने से बढ़ता है?

Ans: जल्दी से वजन बढ़ने लिए अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से Balance Weight Gain Dite का अनुसरण करना, शारीरिक परिश्रम करना, पर्याप्त नींद लेना अदि शामिल करे।
 

Q.4: व्यक्ति का वजन कितना होना चाहिए?

Ans: व्यक्ति का वजन उसकी ऊंचाई, उम्र, लिंग और शारीरिक गतिविधियों के आधार पर अलग-अलग होता है। इसलिए, व्यक्ति का सही वजन उसके बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

BMI के अनुसार, वजन किसी व्यक्ति के ऊंचाई के अनुसार निर्धारित किया जाता है। सामान्यतया, बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से कम होने पर व्यक्ति को कमजोरी का खतरा होता है, बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से 24.9 के बीच होने पर व्यक्ति का वजन सही माना जाता है और बॉडी मास इंडेक्स 25 से ज्यादा होने पर व्यक्ति को ओबेसिटी का खतरा होता है।

Q.5: अचानक वजन कम होना किसका लक्षण है?

Ans: अचानक वजन कम होना एक चिंता का विषय हो सकता है जो कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण हो सकते हैं। ये समस्याएं शारीरिक या मानसिक हो सकती हैं और निम्नलिखित हो सकती हैं:
  • थायराइड समस्या: थायराइड हार्मोनों के संतुलन में कमी के कारण वजन कम होना एक लक्षण हो सकता है।
  • कैंसर: कैंसर के रोगी में अक्सर अपचय, उच्च बुखार या कैंसर उपचार से होने वाली दूसरी समस्याओं के कारण वजन कम होता है।
  • डायबिटीज: उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण वजन कम हो सकता है।
  • मलाबसोर्पशन: शरीर में पोषक तत्वों को अवशोषित करने में असमर्थता के कारण वजन कम हो सकता है।
  • डायटिंग या अनियमित आहार: अनियमित आहार, डाइटिंग या अत्याधिक उपवास करने से भी वजन कम हो सकता है।
  • मानसिक तनाव या उत्पीड़न: मानसिक तनाव, उत्पीड़न, डिप्रेशन या अन्य मानसिक समस्याएं भी वजन कम कर सकती हैं।

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