Tanav Kya Hai | तनाव क्या है?, कारण, लक्षण, प्रभाव और तनाव दूर करने के आसान उपाय।

आज-कल के आधुनिक और संघर्षात्मक माहौल तथा एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में तनाव (Stress) का होना एक आम बात है। विश्व स्वास्थ्य संघठन (W.H.O.) के अनुसार तनाव एक वैश्विक समस्या बन गई है और हर तीसरा व्यक्ति तनाव से ग्रसित है, खास कर आज की युवा पीढ़ी। तनाव एक स्वाभाविक मानसिक परिक्रिया है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। तनाव एक सीमा में रहे तब तक ठीक है, परन्तु सीमा से बहार होने पर तनाव के बुरे प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ सकते है। प्रत्येक व्यक्ति में तनाव होने के कारण,लक्षण और स्वास्थ्य पर प्रभाव अलग-अलग हो सकते है। भारतीय परंपरा और योग विज्ञान में तनाव से मुक्ति पाने के अनेको उपाय बताये गए है। इस लेख में हम उन सभी बातो पर चर्चा करेंगे जिसमे तनाव के कारण, लक्षण, स्वास्थ्य पर प्रभाव और तनाव को कम करने Tanav Prabandhan Kya Hai के उपाय शामिल है।    


Tanav Prabandhan Kya Hai - तनाव क्या है?, कारण, लक्षण,प्रभाव और तनाव को कम करने के उपाय।
 



तनाव (Stress) क्या है? : 

तनाव (Stress, Tension जिसका का शाब्दिक अर्थ खिचाव या तनाव होता है। अर्थात यह मानव  मस्तिष्क की वह मानसिक स्थिति होती है जिसमे शारीरिक और मानसिक विचारधारा प्रभावित होती है। जो की मानव जीवन में घटी उन स्थायी अथवा अस्थायी अनचाही घटनाओं के कारण होती है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें तनाव का असर मानसिक और शारीरिक स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मानव जीवन में कई ऐसे दौर आते है जब  अनेको समस्याओं का सामना एक साथ करना होता है। उस समय व्यक्ति  गंभीर उलझन में फस जाता है उसके सामने क्या करे और क्या न करे ? की स्तिथि उतपन हो जाती है। तब व्यक्ति के शरीर में तनाव पैदा होने की परिक्रिया चलने लगती है। जिसको व्यक्ति हृदय द्वारा अनुभव करता है। इससे व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के लक्षण महसूस होते हैं, जैसे चिंता, उत्सुकता, थकान, तनाव, निराशा और संशय आदि।


तनाव पैदा होने के कारण : Reason of Stress

आज कल के आधुनिक युग में  मानव मस्तिस्क में तनाव पैदा होने के विभिन्न कारण और पारीस्थितिया हो सकती है, और इसके पैदा होने के कारण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। तनाव पैदा होने के कारणों में सबसे सामान्य कारण निम्नलिखित हो सकते है। :-


  • काम का दबाव: काम का दबाव से या बहुत समय तक बिना ब्रेक लिए काम करने, काम अधिक होने के बावजूद अन्य काम के लिए ना न कह पाना, नौकरी छूटने का डर आदि के कारण तनाव पैदा होता है।
  • परिवार या रिश्तेदारों के साथ तकरार: आपसी संबंधों में असंतोष, तकरार या मतभेद होना भी तनाव पैदा कर सकता है।
  • आर्थिक समस्याएं: धन की कमी के चलते कर्ज समय पर नहीं चुका पाना, उच्च ब्याज दरों पर कर्ज लेना आदि से संबंधित आर्थिक समस्याएं भी तनाव का कारण बनती हैं। 
  • सामाजिक असमानता: समाज में व्यक्ति को प्रताड़ित होना, आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति पर समाज द्वारा तवज्जो न देना, व्यक्ति को सामाजिक सहायता न मिलना या सामाजिक अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने से तनाव पैदा होता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गंभीर या ला इलाज बीमारी जिसमे खर्चा अधिक हो, मांसपेशियों का तनाव, मासिक धर्म के समय तनाव आदि भी हो सकता है।
  • जीवन की घटनाओं से जुड़ी तनाव: चिंता, डर, निराशा या घटनाओं से जुड़ा तनाव भी हो सकता है।
  • पारिवारिक परिस्थितियाँ : पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, या रिश्तेदारों के साथ सम्बंध ख़राब होना भी तनाव का कारण हो सकता है। 
  • जीवन में परिवर्तन: शादी, तलाक या बच्चे के जन्म जैसी प्रमुख जीवन घटनाएं तनाव का कारण बन सकती हैं। 
इन कारणों के अलावा भी बहुत से अन्य कारण भी हो सकते है जो व्यक्ति के जीवन की घटनाओं और तात्कालिक हालत पर निर्भर करता है। 


तनाव के प्रकार- Types of Stress

तनाव को मुख्य रूप से 4 भागो में बांटा गया है जो इस प्रकार से है :- 

1. एंटीसिपेट्री स्ट्रेस (Anticipatory Stress)

जब भी आप भविष्य में घटने वाली किसी घटना को लेकर बहुत अधिक सोचने लगते हैं, तो आप एंटीसिपेट्री स्ट्रेस होने के दायरे में आते है।  इस प्रकार के तनाव में आपको अक्सर भविष्य में घटने वाली घटना के विषय में Negative विचार आने लग जाते है। उदाहरणार्थ जैसे की आपको किसी दूरगामी यात्रा पर जाना है और आपके मन में उस यात्रा को लेकर Negative विचार आने लग जाते है की यात्रा सफल होगी की नहीं, यात्रा में कोइ व्यवधान तो नहीं होगा आदि। 

2. एनकाउंटर स्ट्रेस (Encounter Stress)

जब आप किसी व्यक्ति विशेष या किसी सामाजिक सभा  में जाने से चिंतित होने लगें और उनके सामने जाने से बचने लगें, तो आपको एनकाउंटर स्ट्रेस हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर आपको अपने बॉस के सामने जाने से ही तनाव होने लगे, तो वह इसी प्रकार का तनाव माना जाएगा। इस तरह के Stress में आप व्यक्ति विशेष या  सामाजिक सभा के व्यक्तियों के द्वारा अपने बारे में कोई राय निर्धारित कर लेने के डर से जूझते रहते हैं। 

3. टाइम स्ट्रेस (Time Stress)

जब आपको समय को लेकर तनाव रहने लगे, तो समझ जाये कि आपको टाइम स्ट्रेस हो रहा है. इस तरह के Stress में मनुष्य को समय की कमी महसूस होती रहती है। उसे लगता है कि वह समय पर कोई काम पूरा नहीं कर पाएगा। इस प्रकार का तनाव अक्सर Office जाने वाले लोगो, पढ़ने वाले बच्चे या डेडलाइन पर काम करने वाले लोगों को होता है। 

4. सिचुएशनल स्ट्रेस :(Situational Stress)

सिचुएशनल स्ट्रेस (Situational Stress) तब होता है, जब आप किसी विशेष परिस्थिति के कारण तनाव में रहते हैं. यह स्थिति जीवन में अक्सर कभी ना कभी आ सकती है। लेकिन कुछ लोगों को ऐसी Situation से भी तनाव हो सकता है, जिनका सामना उन्हें बार-बार करना पड़ता है। उदाहरण के लिए Students हमेशा Exam के समय बहुत अधिक तनाव ग्रस्त हो जाते है, या आपको अपनी नौकरी के छुट जाने का डर हमेशा मन में बना रहता है।

तनाव के लक्षण: Symptoms of Stress 

तनाव विभिन्न तरीकों से खुद को प्रकट कर सकता है, और लक्षण शारीरिक, भावनात्मक या व्यवहारिक हो सकते हैं। तनाव के कुछ सबसे सामान्य लक्षण निम्नलिखत है। 

  • नींद की कमी होना। 
  • घबराहट महसूस होना। 
  • दिल की धड़कन बढ़ना। 
  • सर में दर्द होना। 
  • काम में मन न लगना। 
  • एकाग्रता में कमी होना। 
  • भूख न लगना। 
  • स्वाभाव में चिड़चिड़ाहट होना। 
  • छोटी-छोटी बातो पर चीखना-चिलाना या क्रोध करना। 
  • ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होना। 
  • मन में निराशा होना। 
  • थका-थका सा महसूस करना। 
  • आत्म हत्त्या जैसे विचार मन में उठना। 
  • कब्ज होना। 
  • पाचन ख़राब होना।

तनाव प्रबंधन (Tanav Prabandhan Kya Hai) :

Tanav Prabandhan Kya Hai?, तनाव प्रबंधन (Tanav Prabandhan) एक व्यापक विषय है। तनाव प्रबंधन से तनाव को रोकने या काम करने में मदद मिलती है, जो हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। तनाव प्रबंधन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए तनाव प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि हम अपने जीवन को सकारात्मक और स्वस्थ बनाएं रख सके। 

नीचे कुछ तनाव प्रबंधन (Tanav Prabandhan) के कुछ महत्वपूर्ण तरीके  है :-

तनाव के कारणों को जानना : Identify the source of stress:

यह  आवश्यक है की हम सचेत होकर यह जानने का प्रयास करे कि तनाव पैदा होने होने की मुख्या वजह क्या है एक बार जब हम यह जान गये कि तनाव पैदा होने की मुख्या वजह क्या है तो हम उसको कम करने की योजना बना सकते है। 

अपने आप को व्यस्त रखना : Engage Yourself 

तनाव से बचने का सबसे उत्तम उपाय है कि अपने आप को व्यस्त रखना, अपने आप को व्यस्त रखने के लिए दिनचर्या को निर्धारित करे। जिससे आपका ध्यान इधर-उधर नहीं जायेगा तथा आप अपने आप को मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त होने से बचाये रख पाएंगे। 
 

कसरत या व्यायाम: Exercise 

नियमित व्यायाम करने से हमारे शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन पैदा होगा जो मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से तनाव से राहत देने वाला रसायन हैं, जो हमें तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। 


योग : Yoga 

भारतीय योग और चिकित्सा विज्ञान में तनाव को कम करने या समाप्त करने की क्षमता है। योग में कई ऐसे आसान और योग क्रियाएं है जो तनाव को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकते है जैसे :-
शवासन, कपालभांति, भस्त्रिका, अनुलोम विलोम, भ्रामरी - उद्गीत, पूरक -रेचक, ध्यान , समाधी आदि। 

अच्छी नींद: Good Sleep 

तनाव प्रबंधन के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है क्योंकि यह शरीर को आराम करने और ठीक होने की अनुमति देता है। 

Read More : अच्छी नींद लेने के तरीके: Best Tips for Good Sleep

पोषण आहार : Healthy Diet

जैसा कि हम जानते है कि अगर हमारा पाचन तंत्र कमजोर होगा तो जो कुछ भी हम खाते है वह सही तरीके से नहीं पचेग, और हमारे शरीर को पोषक तत्वों की पूर्ती नहीं होगी जिससे हमारा शरीर कमजोर हो जायेगा। कमजोर शरीर में अनेको रोग पनपने का डर रहता है स्वस्थ पोषक आहार (Healthy Diet) खाने से शरीर को पोषक तत्वों के साथ-साथ तनाव से लडने में मदद मिल सकती है। पोषण आहार (Healthy Diet) में और अधिक जानने के लिए आप हमरी यह पोस्ट पढ़ सकते है। 

Read More : पोषक आहार-Healthy Diet Plan

परामर्श : Consultation: 

एक चिकित्सक या पेशेवर परामर्शदाता (Consultant) की मदद लेना तनाव को प्रबंधित करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है, खासकर अगर यह चिंता या अवसाद जैसी अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होता है। 

सकारात्मक सोच :Positive Thinking

सकारात्मक सोच से हमारी मानसिक स्थिति बेहतर होती है, जब हम किसी कार्य के लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य को करेंगे तो उसमें संशय उत्पन्न नहीं होगा। तथा हमें मानसिक रूप से तनाव मुक्त रखेगा।   


सामाजिक मेल-जोल : Social Networking 

अनपे आप को परिवार के सदस्यों और अपने दोस्तों, मित्रो के साथ समय व्यतीत करना उनके साथ घूमना-फिरना, खेलना हसी-मजाक करना आदि आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा और आपको अकेलापन महसूस नहीं होने देगा जिससे आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिल सकती है। 


शौक और रुचियां: Hobbies and Interests 

आपको जो भी कार्य करने की रूचि हो या जिन गतिविधियों का आप आनंद महसूस करते हैं, उन्हें अपने दिनचर्या में शामिल करे। जिससे आपको मानसिक रूप से आनंद मिलेगा और जीवन जीने के प्रति आपकी विचारधारा में बदलाव होगा , जिससे नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है। 





Conclusion :तनाव जीवन का एक सामान्य हिस्सा है, और हर कोई इसे अलग तरह से अनुभव करता है. अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए तनाव के कारणों, लक्षणों और प्रबंधन को समझना अति आवश्यक है, Tanav Prabandhan Kya Hai?, तनाव प्रबंधन तरीके जैसे कि तनाव पैदा होने के कारणों को जानन, अपने आप को व्यस्त रखना (Engage Yourself ), कसरत या व्यायाम (Exercise), योग (Yoga), अच्छी नींद (Good Sleep), पोषण से भरपूर आहार (Healthy Diet) , परामर्श (Consultation), सकारात्मक सोच (Positive Thinking), सामाजिक मेल-जोल (Social Networking) ,शौक और रुचियां (Hobbies and Interests)आदि तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में  सुधार करने में कारगर उपाय सिद्ध हो सकते है।  

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.