खांसी का इलाज घरेलू | खांसी के कारण, लक्षण और परहेज | Khansi Ka Gharelu Upchar

आज कल के प्रदूषित वातावरण और बदलते मौसम में खांसी होना बहुत ही आम बात है। खांसी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकती है। मौसम में जरा से भी बदलाव या फिर अन्य कारणों से लोगों को खांसी हो ही जाती है। खांसी होने पर गले में दर्द और खराश भी होने लगता है। अधिकतर मामलो में लोगो को जब भी खांसी होती है, तो यही देखा जाता है कि वह Medical Store से खांसी की दवा लेकर खा लेता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खांसी का उपचार घर पर बिना किसी परेशानी के आसानी से संभव है, तो आइये इस लेख के माध्यम से जानते है खांसी का इलाज घरेलू, खांसी के कारण, लक्षण और परहेज Khansi Ka Gharelu Upchar.


खांसी के कारण, लक्षण, परहेज और घरेलू उपचार :- Khansi Ka Gharelu Upchar



खांसी का इलाज घरेलू, खांसी के कारण, लक्षण और परहेज: Khansi Ka Gharelu Upchar





खांसी क्या है?: What is Cough in Hindi ?

आयुर्वेद के अनुसार, खांसी वात व पित्त में असंतुलन होने के कारण होती है। Unhealthy Food एवं जीवनशैली के कारण शरीर में वात व कफ दोष बढ़ने लगते हैं, इसके कारण खांसी होने लगती है। खांसी मुख्यतः कफ दोष के कुपित होने के कारण होती है।



खांसी के प्रकार : Cough Types in Hindi 

  • Dry cough : सूखी खांसी प्रायः जो बिना कफ़ के होती है।
  • Wet cough : बलगम वाली खांसी जो सर्दी-जुखाम कारण होती है।
  • Allergic Cough : एलेर्जी के कारण खांसी जो प्रायः पर्यवरण प्रदुषण या बदलते मौसम के कारण है।
  • Sinus Cough : साइनस साइनस संक्रमण से होने वाली खांसी - जो साइनस में संक्रमण के कारण होती है।
  • Hooping Cough : कूकर कर खांसी एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है जो बोर्डेटेला पर्टुसिस बैक्टीरियम (Bacterium Bordetella Pertussis) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • TB Cough : टीबी की खांसी इसका कारण एक माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्यूलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) बैक्टीरिया होता है जो श्वसन नलिका के माध्यम से संक्रमण फैलाता है। यह संक्रमण एक व्यक्ति टीबी से ग्रसित व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के साथ संपर्क में आने से होता है।


खांसी का इलाज घरेलू :- Khansi Ka Gharelu Upchar


सामान्य तौर पर खांसी श्वसन तंत्र में गतिरोध उत्पन्न होने वाली एक सामान्य बीमारी होती है जो लगभग सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। खांसी के विभिन्न कारण हो सकते है, जिनमें एलर्जी, वायरल संक्रमण, पर्यावरण परिवेश तथा रोगग्रसित व्यक्तियों के संपर्क में आना शामिल है। खांसी हमारी दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकती है और हमें परेशान कर सकती है। हालांकि खांसी का घरेलू इलाज (Khansi Ka Gharelu Upchar) और आयुर्वेदिक उपचार सम्भव हैं जो की खांसी को ठीक करने और गले की खराश और कफ से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। 

इस लेख में हम ऐसे ही कुछ Khansi Ka Gharelu Upchar के बारे में जानेंगे। जो इस प्रकार है :-

1. Honey and Ginger: शहद और अदरक


शहद और अदरक का इस्तेमाल सदियों से खांसी और गले की जलन को शांत करने के लिए किया जाता रहा है।दादी-नानी के नुस्खों में अक्सर शहद और अदरक के बारे में सुनने को है। जो खांसी को ठीक करने के लिए एक असरदार और आजमाया हुआ नुस्खा है। इसके लिए एक चम्मच शहद में कुछ बूंद अदरक का रस मिलाकर दिन में दो बार चाटे लें। इसके बाद लगभग 30 मिनट तक कुछ अन्य पदार्थ न खाये।


Hony and Jinger


2. Turmeric Milk : हल्दी वाला दूध

घरेलू उपायों में हल्दी वाला दूध एक असरदार उपाय है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसका प्रयोग करने के लिए एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सोने से पहले पिएं। तो यहाँ गले में मौजूद खराश को शांत करता है और खांसी में आराम दिलाता है।


3. Steam Inhalation : भाफ लेना

भाफ लेना कफ को ढीला करने और गले की जलन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। सर्दी लगने के कारण होने वाली खांसी और बंद नक्को को खोलने में यहाँ एक कारगर उपाय है। इसका प्रयोग करने के लिए एक बर्तन में पानी को उबालें पानी में आप थोड़ी सी विक्स (Vicks Vaporub) तुलसी के पत्ते मिला सकते है और अपने सिर पर एक तौलिया रखें और 10-15 मिनट के लिए भाप लें।


4. Salt Water Gargle : नमक के पानी के गरारे

नमक के पानी के गरारे अक्सर लोगो को करते हुए देखा होगा। नमक के पानी से गरारे करने से गले की जलन और कफ को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर दिन में दो बार गरारे करें।



5. Tulsi Leaves : तुलसी के पत्ते

भारतीय परम्परा में तुलसी को बहुत ही उच्च स्थान प्राप्त है, तुलसी का पौधा प्रायः हर घर में उपलब्ध होता है। इसे पूजनीय माना जाता है। तुलसी के पत्तो में एंटीवायरल और एन्टीबैक्टीरिअल गुण होते हैं जो वायरल इन्फ़ेक्सन और खांसी को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके लिए तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार का ले और गुनगुना होने पर इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं। खांसी में आराम मिलेगा।


Tulshi




खांसी के घरेलू उपचार के लिए आयुर्वेदि जड़ी बूंटी :- Ayurvedic medicine for Khansi Ka Gharelu Upchar


इसके अलावा कुछ आयुर्वेदि जड़ी-बूटीयां भी है जो खांसी को ठीक करने में महत्वपूर्ण होती है जो की निम्नलिखित है :-


Khansi Ka Gharelu Upchar



1. Sitopaladi Churna : सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो खांसी और गले की जलन को कम करने में मदद कर सकती है। एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में दो बार लें।



2. Trikatu Churna : त्रिकटु चूर्ण

त्रिकटु चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमे सोंठ, पीपल और काली मिर्च का मिश्रण होता है जो कफ और खांसी को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके लिए एक चम्मच त्रिकटु चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में दो चाट लें।



3. Yashtimadhu : यष्टिमधु या मुलहठी

मुलहठी जिसे संस्कृत में यष्टिमधु के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग ठीक करने में किया जाता है। इस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं जो खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। यष्टिमधु (मुलहठी) की जड़ का एक टुकड़ा चबाएं या पूरक के रूप में लें



4. Ayurvedic Tea : आयुर्वेदि काढ़ा (चाय)

आयुर्वेदिक काढ़ा कई आयुर्वेदि जड़ी बूंटियो का मिश्रण होता है जिसमे अदरक, तुलसी-पत्र, काली मिर्च, मुलहठी और शहद शामिल है। जो की गले की खराश और खांसी को कम करने में मदद करते है। इसे बनाने के लिया एक पत्र में एक गिलास पानी ले उसमे अदरक, तुलसी की पत्तिया,मुलहठी और काली मिर्च डालकर उबले। जब पानी आधा रह जाये तो उसे गुनगुना होने पर उसमे थोड़ा शहद मिलाए और घूंट-घूंट कर पिए।



5. Giloy in Cough: खांसी में गिलोय का प्रयोग

गिलोय को सभी जानते है , आयर्वेद में गिलोय को रसायन कहा गया है, इसमें एन्टीबैक्ट्रियल और एंटीवाइरल गुण पाए जाते है। कोरोना काल में गिलोय का प्रयोग सबसे ज्यादा किया गया था, आयुर्वेद में नीम गिलोय को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसका प्रयोग करने से वायरस जनित खांसी से राहत मिलती है। इसका प्रयोग करने के लिए एक गिलास पानी में गिलोय का टुकड़ा डाल कर उबाले, पानी आधा रहने पर उतार कर ठण्डा करके पी लें।   



खांसी होने पर किन चीजों से बचे - Avoid These in Cough

खांसी होने पर निम्नलिखित बातो का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए :-

  • ठण्डी पेय तथा खाद्य पदार्थ तथा बासी भोजन के सेवन से बचे।
  • कोल्ड्रिंक, बर्फ का पानी, आइसक्रीम, प्रॉसेसेड फूड, तले हुए भोजन का सेवन ना करें।
  • दूध और घी से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कमसे कम करें, इससे खांसी में इजाफा हो सकता है।
  • जिन व्यक्तियों को खाद्य पदार्थो से एलर्जी होती हैं वे व्यक्ति ऐसी वस्तुओ का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
  • वैज्ञानिक शोध के अनुसार केला, स्ट्राबैरी, पपीता आदि का सेवन Histamine-हिस्टामाइन को बढ़ा सकते हैं। जिससे शरीर में एलर्जिक प्रतिक्रिया होने पर हिस्टामिन उत्पन्न होता है, जिससे कफ (Cough) अधिक बनता है।



Conclusion : खांसी एक श्वसन तंत्र का सामान्य रोग है, जो विभिन्न कारणों से हो सकता है। अधिकतर मामलो में खांसी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन लगातार और अधिक दिनों तक खांसी का रहना एक घंभीर रोग  का संकेत हो सकती है। इसलिए खांसी को रोकने के लिए घरेलु उपचारो के साथ धूम्रपान और वायु प्रदूषण और एलर्जी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। यदि आपको लगातार खांसी है, तो इसके कारण जानने और उचित उपचार प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। इस बीच, खांसी के लक्षणों को कम करने के लिए आप इस लेख में बताए गए खांसी का इलाज घरेलू (Khansi Ka Gharelu Upchar) को आजमा सकते हैं।

आशा करता हु कि इस लेख में बताये गए Khansi Ka Gharelu Upchar से आपको खांसी के कारण, लक्षण, परहेज और घरेलू उपचार को जानने में मदद मिली होगी। 

अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो या आपके पास इससे सम्बंधित कोई सुझाव हो तो अपनी राय Comment Box में दे है। 

धन्यवाद 
आपका दिन शुभ हो। 


  


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